ओम का नियम





Electricity से जुड़े बहुत से नियम हैं जो हमें पता होना जरूरी है और अगर आप electrical Education Student हैं तो ये नियम आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

Ohm का नियम, किरचाॅफ का नियम, फैराडे के नियम इनमे से कुछ महत्वपूर्ण नियम है जो लगभग हर स्टुडेंट के लिए जरूरी होते हैं ।

नियमों को केवल रटकर याद करने से कुछ फायदा नही होता, हमें इसके मतलब के बारे मे भी पता होना चाहिए कि किस नियम का क्या अर्थ है ? किस जगह उपयोग होता है आदि ।

आज मैं आपको ओम के नियम (Ohm's Law) के बारे में पूरी जानकारी दूंगा इस पोस्ट को पढ़कर आप ओह्म के नियम को आसानी समझ लेगे और इसका उपयोग जान पाएंगे ।


ओह्म का नियम क्या है ?

ओम का नियम -


V = IR

ओम के नियम का मूल अर्थ यही है इसी से आप नियम की परिभाषा बना सकते हैं

यहां 

V = विभान्तर (Voltage), Volts में
I = धारा, करंट एम्पियर में
R = प्रतिरोध ओह्म में (Resistance)

परिभाषा - "समान ताप व स्थिति में किसी बन्द डीसी परिपथ में प्रतिरोध के सिरों पर लगने वाला वोल्टेज उस प्रतिरोध में प्रवाहित होने वाली धारा के मान के समानुपाती होता है ।"

अर्थात् 
V∝ I

सरल भाषा -
किसी बंद डीसी परिपथ में वोल्टेज का मान उस परिपथ में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा और प्रतिरोध के मान के गुणनफल के बराबर होता है ।
यहां बंद डीसी परिपथ (Close DC Circuit) यानी की ऐसा डीसी सर्किट जिसमें स्विच ऑन हो और परिपथ चालू हो ।

इसमें 
वोल्टेज (V) = धारा (I) × प्रतिरोध (R)

इसी फार्मूले का उपयोग करके आप वोल्टेज, धारा और प्रतिरोध के मान निकाल सकते हैं ।

जैसे 
V = IR
R = V/I
I = V/R

Example :- 

Q. एक डीसी मोटर जिसे 12 Voltage सप्लाई प्राप्त हो रही है इसका कुल प्रतिरोध 6 ओह्म है तो परिपथ मे प्रवाहित विद्युत धारा का मान क्या होगा ?

Ans. वोल्टेज = 12, प्रतिरोध = 6
ओह्म के नियमानुसार 
V = IR 
12 = 6×I
I = 12/6
I (धारा) = 2 एम्पियर


इस नियम का उपयोग केवल डीसी परिपथ में AC Circuit में नहीं ।

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